पैसा,पवार, राजनीतिक संरक्षण और धमकी से औने पौने दाम पर अपनी प्रॉपर्टी बेच कर भागे सीतपहाड़ी और महारो से कई कारोबारी

रिपोर्ट अविनाश मंडल

पाकुड कहावत है जब पैसा बोलता है सब सुनते है,पैसा से ही पवार पैसा से ही राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होते है,पैसा देकर अवार्ड भी खरीदा जा सकता है और ऐसा ही हो रहा है, हिरणपुर अंचल क्षेत्र सीतपहाड़ी और महारो क्षेत्र पर कई पत्थर कारोबारी स्थापित थे एक समय था जब सबके चेहरे पर खुशियां नजर आती थी.

लेकिन पैसा का पवार ऐसा बड़ चढ़ कर बोला की पूरे खनन क्षेत्र पर नजर लग गई,रुपैया बोलने लगा लोग सताए जाने लगे,एक के बाद एक छोटे बड़े व्यापारी जिनको स्थानीय ने तंग करना सुरु किया रुपैया के दवाब पर राजनीतिक सुरु हो चुकी थी,धीरे धीरे सताए गए पत्थर कारोबारी झुकने लगे और अपना बोरिया बिस्तर बांध दूसरे जगह पनाह लेने लगे,ऐसा हुआ क्यों क्योंकि रुपैया बोलता है पावर बोलता है.

खेल सुरु हो गया कब्जा भी सुरु हो गया,कई बार मामला जिम्मेदार के पास भी पहुंचा लेकर पावर और रूपया बोलता है,प्रशासन अगर ईमानदारी से जांच करवाए तो सारी हकीकत सबके सामने होगी,की कहां गोचर जमीन थी,कहां तालाब था सारी कलाइयां खुलने लग जाएंगी।

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